हैलों दोस्तों! The MaTVala में आपका स्वागत है। आज हम आपको बताएँगे SAR Value क्या होता है इसका हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है और SAR Value कैसे चेक किया जाता है, हमारी आज की यह पोस्ट आपकी सेहत से जुड़ी हुई है, लेकिन हम आपको खाने-पीने के उपर टिप्स नहीं देंगे, क्योंकि इस हम बिल्कुल अलग और बहुत ही महत्वपूर्ण विषय के बारे में बताएँगे, जिसका नाम है SAR Value, यह नाम आपने शायद ही सुना होगा, और सुना होगा तो इसके बारे में पता नहीं होगा। आपने कई बार अपनी सेहत से जुड़ी हुई पोस्ट देखी होगी और उसे नज़र अंदाज़ भी किया होगा, क्योंकि ऐसी पोस्ट आधे तो हमारे काम की नहीं होती है और ऊपर से हमारा समय अलग बर्बाद करती है। लेकिन अगर आप आज की पोस्ट नज़र अंदाज़ करते है तो हो सकता है आप SAR Value से अंजान रह जाए, SAR Value एक अति महत्वपूर्ण विषय है जो हमे जानना बेहद ज़रुरी है यह हमारे दिनचर्या से लेकर रात के सोने तक हमसे जुड़ा हुआ है, मतलब हम इससे 24 घंटे घिरे हुए है। अगर आप भी जानना चाहते है की SAR Value क्या होती है तो पढिये ये पोस्ट।
SAR Value क्या है ?
क्या आप Mobile Phone का बहुत इस्तमाल करते हैं? यदि इस सवाल का उत्तर हाँ है तब आपको SAR Value के बारे में जरुर पता होना चाहिए। क्यूंकि ये किसी फ़ोन के घंटी के तरह ही हमारे लिए खतरे की घंटी है। और किसी बुद्धिमान मनुष्य ने कहा ही की हमें खतरे से सतर्क रहने में ही हमारी भलाई है। जैसे की हम सब जानते हैं की आजकल Mobile Phone हमारे जीवन का एक अंग बन गया है। समय है की इससे होने वाले खतरे से हम पहले से परिचित हों। मोबाइल Communication के लिए विविन्न Electromagnetic Waves की जरुरत पड़ती है। ऐसी signals को भेजने (send) और पाने (receive) करने के लिए antenna की जरुरत पड़ती है जिसकी मदद से इन Waves (या signals) की transmission होती है, जब भी कोई Transmission होती है तब signals की कुछ प्रतिशत लगभग 10-20% वातावरण में की radiate हो जाते है, ऐसा इसलिए क्यूंकि इन Signals में कुछ Power होती हैं जो की जाने आने में dissipate हो जाती है जिसे mobile radiation भी कहा जाता है, Mobile के usage के ऊपर ही ये radiation level depend करता है इसी Radiation Level को control करने के लिए SAR (Specific Absorption Rate) Value का इस्तेमाल किया जाता है।
SAR Value एक रेडिएशन (Radiation) किरणे होती है जो हमे दिखती नही है और ना ही हम इसे महसूस कर सकते हैं, पर ये Radiation किरणे हमारे लिए और अन्य प्राणीयों के लिए बहुत हानिकारक हो सकती है|
वैसे तो SAR Value किरणे इलेक्ट्रॉनिक्स चीजो में होती है पर इसका सबसे ज्यादा Radiation मोबाइल में होता है, जो की सीधा Tower और Setelite से Connect होता है।
इन्ही radiation को standardized करने के लिए Government ने कुछ fixed Standard बना दिएँ है जिससे ये पता चलता है की इस standard के ऊपर कोई Mobile Manufactures अपनी मोबाइल बना नहीं सकती है इनमें India और US की standard सामान है जो है 1.6 Watt per Kilogram (W/kg) जिसे की 1 gram of Tissue को लेकर बनाया गया है वहीँ European standard के हिसाब से 2 Watt per Kilogram (W/kg) जिसे की 10 gram of Tissue को लेकर बनाया गया है।
जिस इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तु का Radiation Level ज्यादा होता है वो चीज़े आपके दिमाग और शरीर को नुकसान पहुचाँ सकती है| जिस Mobile की SAR Value जितनी कम होती है उससे उतना कम खतरा होता है।
SAR Full Form – Specific Absorption Rate
SAR Value को 2 भागों में बाटा गया है। पहला सर(Head) और दूसरा शरीर(Body) जब आप किसी से फ़ोन पर बात करते है तो आपका सर नज़दीक होता है इसके लिए अलग SAR Value Specified की गयी है और जब आप फ़ोन जेब या हाथ में रखते है तो इसके लिए अलग SAR Value Specified की जाती है।
SAR Value जानने के बाद अप भी सोच रहे होंगे की अपने मोबाइल की SAR Value कैसे पता करे तो आइए बताते हैं। SAR Value पता करने के लिए आपको आपके मोबाइल में *#07# Dial करना होगा, यह नंबर डायल करने के बाद SAR Value आपके Screen पर दिख जाएगी।
ये मोबाइल रेडिएशन हमारे लिए बहुत ही खतरनाक है जैसे की हम सब जानते हैं। लेकिन ये खतरा सबसे ज्यादा बच्चों, बूढों और गर्ववती महिलाओं के लिए सबसे जायदा खतरनाक है। क्यूंकि उनकी शरीर सबसे जयादा इन रेडिएशन को absorb करती है। इसलिए जितना कम हो सके अपने मोबाइल फोन का इस्तमाल करें। और यदि कर रहे हैं तो इसे ज्यादा समय तक अपने शरीर से जुड़ा हुआ न छोडें क्यूंकि इससे absorption बढ़ जाती है। मेरी मानें तो हेडफोन का इस्तेमाल जरुर करें ताकि फोन और हमारे बिच में थोड़ी दूरी रह सके।
हमें तो ये पहले से पता है की Radiation हमारे लिए बिलकुल भी अच्छा नहीं है। इसके बहुत से कुपरिणाम हमरे शरीर को काफी प्रभावित कर सकती है।अगर ज्यादा देर तक ये रेडिएशन को हमारी शरीर ग्रहण करे तो डॉक्टर का मानना है की इससे ब्रेन ट्यूमर्स और कैंसर होने के चांस काफी बढ़ जाते हैं।इस रेडिएशन से हमारे शरीर में सिरदर्द, सिर में झनझनाहट, लगातार थकान महसूस करना, चक्कर आना, डिप्रेशन, नींद न आना, आंखों में ड्राइनेस, काम में ध्यान न लगना, कानों का बजना, सुनने में कमी,याददाश्त में कमी, पाचन में गड़बड़ी, अनियमित धड़कन, जोड़ों में दर्द आदि बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है। अगर ये रेडिएशन बहुत वर्षों तक हमारे शरीर में आता रहा तो इससे मल्टीपल स्क्लेरोसिस, डिप्रेशन, ऑटिज्म जैसे खतरनाक बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है, इससे प्रजनन करने की क्षमता भी कम हो जाती है।
Radiation से कैसे बचें ?
क्यूंकि ये रेडिएशन हमारे लिए काफी खतरनाक है इसलिए इनसे जितना हो सके उतना दूर रहना चाहिए।
फोन को जितना हो सके उतना स्पीकर मोड में रखकर बात करना चाहिए।
इससे ये फ़ायदा होता है की रेडिएशन की इंटेंसिटी बहु मात्रा में कम हो जाती है। यदि आपका फोन लम्बे समय तक इस्तमाल नहीं होना है तो उसे ऑन मोड में न छोड़ें दें उसे ऑफ कर दें।
मोबाइल फोन को कम signal strength में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि इस समय सबसे ज्यादा Radiation होता है। यदि हो सके तो Text या मेसेज ज्यादा करें Call करने की जगह।
यदि आप घर में रह रहे हों तब तो Mobile की जगह Land Line का ज्यादा इस्तमाल करें।
अगर आप बताये गए चीज़ों का पालन करें तो आप अपना और अपने परिवार वर्गों का अच्छा ख्याल रख सकते हैं।
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