पत्रकारिता मतलब कुछ भी !

Sachin Samar
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पत्रकारिता के क्षेत्र में वेबपोर्टल अपनी एक अलग पहचान रखता है । सोशल मिडिया पर खबरों के सच होने की पुष्टि कुछ हद तक वेबपोर्टल करते हैं। सबसे गम्भीर बात यह है कि क्या वेब पोर्टल कोई पत्रकार चला रहा है या कोई ऐसा व्यक्ति जिसे सिर्फ ख़बर और विज्ञापन अपलोड करने से मतलब है । वह पत्रकार है या कंप्यूटर ऑपरेटर, उसे अपने खबर की हेड लाइन और इंट्रो की समझ है ? क्या वह जन की आवाज बनने के बजाय विज्ञानदाता की आवाज बन रहा है..? वह अपने उपभोक्ता ( पाठक ) को क्या परोस रहा है, क्या वह पत्रकारिता से न्याय कर रहा है ?
वर्तमान 'मिडिया का अंडरवर्ल्ड' समाचार के रूप में विज्ञापन बेच रहा है। जिसे उपभोक्ता के रूप में पाठक ग्रहण कर रहे हैं । प्रेस आयोग ने तमाम तरह के नियम - कानून जरूर बनाए हैं लेकिन नोटों की चमक से सब धूमिल हो चूका है ।
आज हमारे एक करीबी ने इस ख़बर ( नीचे फोटो )  पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा "पत्रकारिता का स्तर इसी तरह नीचे गिरता रहा तो बची - खुची इज्जत भी लुट जायेगी, वैसे भी वेबपोर्टल अपनी विश्वसनीयता कायम नही कर पा रहें है, इस तरह के समाचार पत्रकारिता के माथे पर कलंक है।" उनकी चिंता जायज है वे चाहतें हैं कि 'पत्रकारिता में एक मिशन हो न कि व्यवसाय।'
खबर के शीर्षक को पढ़कर मैं भी सकपका गया आखिर इस पोर्टल के संचालक ने अभी तक कितनी शीर्षक ऐसी लगाई होंगी । आप भी इसे समझने के लिए कई बार पढें, हालाँकि इस पोर्टल और उसके संचालक/चालक/ऑपरेटर से मैं पूर्णतयः अपरिचित हूँ, हां ! एकाध बार किसी मोटरसाईकल पर लिखा इस तरह का डॉट कॉम मैंने देखा है..! ये वैसे पत्रकार हैं जो पत्रकारी की लुटिया डुबो कर रख देंगे, असल में उनका मकसद शासन और प्रशासन तक पकड़ बनाना होता है, जिससे वे अपना स्वार्थ पूरा कर सकें । मोटरसाईकल और कार पर प्रेस का स्टिकर लगा वही घूमते हैं जो पत्रकार में व्यापार कर रहें है।
खैर कुछ भी हो, इनके इस ख़बर से किसी भी पत्रकार को कोई आपत्ति नही हुई होगी, मुझे भी नही है । और अंत में, वेब पोर्टल के क्षेत्र में कुछ ने अपनी अच्छी पहचान बनाई है, उन्हें शुभकामनाये । मैं उनकी बात कर रहा हूँ जो सिर्फ पोर्टल तक ही सिमित है ।


  • सचिन समर 
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