— झांसी से ललितपुर के बीच ट्रेन में हुआ घटना, बिना TTE के चली ट्रेन
उत्तर प्रदेश के झांसी में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां ड्यूटी पर तैनात एक ट्रेन टिकट परीक्षक (TTE) को टिकट मांगना इतना भारी पड़ गया कि उसे GRP जवानों की मारपीट और धमकी का सामना करना पड़ा। यह घटना हीराकुंड एक्सप्रेस (20808) की है, जो अमृतसर से विशाखापट्टनम जाती है।
जानकारी के मुताबिक, 29 जून की रात कटनी डिप्टी CTI दिनेश कुमार झांसी स्टेशन पर पहुंचे थे। अगले दिन उनकी ड्यूटी हीराकुंड एक्सप्रेस में झांसी से कटनी मुड़वारा तक थी। दोपहर 2:36 बजे जब ट्रेन झांसी से रवाना हुई, तो वे टिकट चेकिंग के लिए थर्ड एसी कोच B-1 में पहुंचे।
इसी कोच में GRP ललितपुर के हेड कांस्टेबल संदीप कुमार अपने परिवार के साथ बैठे थे। जब टीटीई ने एक महिला यात्री से टिकट मांगा, तो वह बिना कुछ बताए संदीप कुमार के पास चली गई। इसके बाद जब संदीप और उनके साथी से टिकट मांगा गया, तो वे भड़क उठे।
उन्होंने रौब झाड़ते हुए कहा, "हमेशा ऐसे ही यात्रा करते हैं, तुम नए टीटीई हो क्या?" जब टीटीई ने नियम का हवाला देते हुए सिर्फ टिकट दिखाने की बात कही, तो दोनों पुलिसकर्मी गालियां देने लगे और मारपीट शुरू कर दी।
ट्रेन के ललितपुर पहुंचते ही GRP जवानों ने अपने अन्य साथियों को बुलाया और टीटीई को जबरन ट्रेन से उतार लिया। उसे पीटते हुए थाने ले जाया गया और धमकाया कि अगर शांति नहीं रखी तो छेड़खानी का मुकदमा दर्ज कर जेल भेज देंगे। बाद में जबरन राजीनामा लिखवाया गया।
इस घटना के बाद हीराकुंड एक्सप्रेस बिना टीटीई के ही जबलपुर तक चली गई, जिससे यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा।
रेल प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए ADG GRP को पत्र भेजा है और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
यह घटना न सिर्फ रेलवे सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे कुछ वर्दीधारी अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल करते हैं। यात्रियों और रेलकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना अब ज़रूरी हो गया है।