कृषि में क्रांति: 'किसान ई-मित्र' और IoT आधारित तकनीकों से बढ़ेगी फसल उत्पादकता

Navchetana
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नई दिल्ली। भारत सरकार ने कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने, किसानों की आजीविका सुधारने और कृषि से जुड़े विभिन्न संकटों का समाधान खोजने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) जैसी अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाया है। कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर ने आज लोकसभा में लिखित उत्तर के माध्यम से यह जानकारी दी।


सरकार की इन पहलों में ‘किसान ई-मित्र’ एक प्रमुख नवाचार है। यह एक वॉयस-बेस्ड एआई चैटबॉट है, जिसे विशेष रूप से किसानों की मदद के लिए विकसित किया गया है। यह प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से संबंधित किसानों के सवालों के उत्तर देता है। किसान ई-मित्र 11 क्षेत्रीय भाषाओं को समर्थन करता है, जिससे यह देश के विविध भाषाई समूहों के किसानों तक प्रभावी रूप से पहुंच पा रहा है। वर्तमान में यह प्रतिदिन 20,000 से अधिक सवालों के उत्तर दे रहा है और अब तक 92 लाख से अधिक प्रश्नों का समाधान किया जा चुका है। यह प्रणाली भविष्य में अन्य सरकारी योजनाओं की जानकारी देने में भी सक्षम होगी।


इसके अलावा, सरकार ने नेशनल पेस्ट सर्विलांस सिस्टम की शुरुआत की है। यह प्रणाली जलवायु परिवर्तन के कारण फसल को होने वाले कीट हमलों की पहचान के लिए एआई और मशीन लर्निंग का उपयोग करती है। किसान कीटों की तस्वीरें खींचकर इस प्रणाली में भेज सकते हैं, जिससे समय रहते समाधान मिल सके और फसल का नुकसान कम किया जा सके। इस प्रणाली का उपयोग वर्तमान में 10,000 से अधिक कृषि विस्तारकर्मी कर रहे हैं। यह प्रणाली 61 फसलों और 400 से अधिक प्रकार के कीटों को पहचानने में सक्षम है।


साथ ही, सैटेलाइट आधारित फसल मानचित्रण और मौसम आधारित निगरानी के लिए फील्ड फोटोग्राफ्स पर आधारित एआई एनालिटिक्स का भी उपयोग किया जा रहा है। इससे यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि बोई गई फसलों की निगरानी मौसम की अनुकूलता के अनुसार की जा सके।


इन तकनीकी नवाचारों के माध्यम से सरकार किसानों को सशक्त बनाने, कृषि उत्पादकता बढ़ाने और कृषि को टिकाऊ बनाने की दिशा में प्रभावशाली कदम उठा रही है।

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