कैबिनेट ने 'वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम- II' को दी मंज़ूरी, सीमावर्ती गांवों के सर्वांगीण विकास की दिशा में बड़ा कदम

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम- II (VVP-II)’ को वित्तीय वर्ष 2024-25 से 2028-29 तक लागू करने के लिए मंजूरी दे दी है। यह योजना 100% केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में कार्यान्वित की जाएगी, जिसका उद्देश्य 'विकसित भारत@2047' के दृष्टिकोण के अनुरूप सुरक्षित, सशक्त और जीवंत सीमावर्ती क्षेत्रों का निर्माण करना है।


इस योजना के तहत रुपये 6,839 करोड़ की कुल लागत से देश के 17 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों - अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, त्रिपुरा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल - के अंतरराष्ट्रीय भूमि सीमा से लगे ब्लॉकों के चुने गए रणनीतिक गांवों में इसका कार्यान्वयन किया जाएगा।


योजना का उद्देश्य सीमावर्ती गांवों में बेहतर जीवन सुविधाएं, सतत आजीविका के साधन, सुरक्षा सुनिश्चित करना, सीमा पार अपराधों पर नियंत्रण और सीमावर्ती जनसंख्या को राष्ट्र की मुख्यधारा से जोड़ना है। यह योजना इन ग्रामीणों को सीमा सुरक्षा बलों की "आंख और कान" के रूप में विकसित करने में सहायक होगी।


योजना के अंतर्गत किए जाने वाले कार्यों में शामिल हैं:

  • गांवों या गांवों के समूह में बुनियादी ढांचे का विकास
  • स्मार्ट कक्षाओं सहित शिक्षा सुविधाओं का निर्माण
  • पर्यटन सर्किट का विकास, सांस्कृतिक गतिविधियां, मेलों एवं उत्सवों का आयोजन
  • स्थायी और विविध आजीविका के अवसर
  • स्वयं सहायता समूहों और सहकारी समितियों के माध्यम से मूल्य श्रृंखला विकास


इन गांवों को हर मौसम में सड़क, टेलीकॉम, टीवी कनेक्टिविटी और विद्युतीकरण से जोड़ने का लक्ष्य भी रखा गया है, जिसके लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-IV और अन्य योजनाओं के साथ संवर्ग के माध्यम से समन्वय किया जाएगा।


PM गति शक्ति पोर्टल जैसे प्रौद्योगिकी आधारित प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हुए प्रभावी निगरानी और क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा। एक उच्चस्तरीय समिति, जिसकी अध्यक्षता कैबिनेट सचिव करेंगे, सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए योजना दिशा-निर्देशों में आवश्यक रियायतें देने पर विचार करेगी।


वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम-I और II मिलकर भारत के सीमावर्ती गांवों को आत्मनिर्भर, जीवंत और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक परिवर्तनकारी पहल है। इससे न केवल स्थानीय संस्कृति और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इन गांवों को राष्ट्रीय विकास की मुख्यधारा से भी जोड़ा जा सकेगा।

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