मां और प्रेमी को मिली फांसी की सजा, टुकड़ों में मिला था डेढ़ साल के मासूम का शव

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Crime News: पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने  एक महिला और उसके प्रेमी को फांसी की सजा सुनाई है. मां ने प्रेमी के साथ मिलकर अपने डेढ़ साल के बेटे की हत्या साल 2015 में की थी. हावड़ा जीआरपी ने फलकनामा एक्सप्रेस से लावारिश बैग से एक बच्चे का क्षत-विक्षत शव बरामद किया था.


पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने एक महिला और उसके प्रेमी को फांसी की सजा सुनाई है. मां ने अपनी प्रेमी के साथ मिलकर अपने डेढ़ साल के बेटे की हत्या की थी. सबूतों के आधार पर फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दोनों को दोषी पाया और जज ने सजा-ए-मौत की सजा की घोषणा सुनाई. बताया जा रहा है कि 1990 के बाद जिला कोर्ट ने दो हत्यारों को फांसी की सजा सुनाई. 


जानकारी के मुताबिक दिसंबर 2015 में मासूम बच्चे की हत्या हुई थी. हावड़ा जीआरपी ने फलकनामा एक्सप्रेस से लावारिश बैग से एक बच्चे का क्षत-विक्षत शव बरामद किया था. जांच के बाद जीआरपी ने इस मामले में मां हसीना सुल्ताना और उसके प्रेमी भानु शाह को आंध्र प्रदेश से गिरफ्तार किया था. हसीना सुल्ताना आंध्र प्रदेश के गुंटूर स्थित अपने ससुराल में पति को छोड़कर अपने बच्चे को लेकर प्रेमी के साथ चली गई थी. 


मासूम बेटे की हत्या के आरोप में मां और प्रेमी को फांसी की सजा


इसके बाद वह प्रेमी भानु शाह के साथ हैदराबाद के बंजारा हिल्स इलाके में रहने लगी थी. उसका प्रेमी वहां किराये के मकान में रहता था. लेकिन दोनों के बीच हसीना का बेटा जिसान रास्ते में कांटा बना हुआ था. इसलिए उसने अपने प्रेमी की मदद से मासूम जिसान की हत्या कर दी. इसके बाद  शव को एक ट्रैवल बैग में भरकर सिकंदराबाद स्टेशन लाया गया और फलकनामा एक्सप्रेस की सीट के नीचे छोड़ दिया.


हत्या के शव को ट्रॉली बैग में ट्रेन की सीट के नीचे छोड़ दिया था


इस बीच बेटी और नाती को न ढूंढ पाने पर सुल्ताना के परिजनों ने  ( बच्चे की नानी )  थाने में उसकी फोटो के साथ गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. हावड़ा स्टेशन पर लावारिश बच्चे का शव मिलने के बाद उस तस्वीरों के आधार पर जांच आगे बढ़ी. फिर जीआरपी ने सुल्ताना और उसके प्रेमी भानू को आंध्र प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया. सरकारी वकील अरिंदम मुखोपाध्याय ने कहा कि फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज ने सबूतों के आधार पर दोनों को दोषी पाया और मौत की सजा सुनाई. दूसरी तरफ इस फैसले पर दोषियों के वकील फिरोज सरकार ने कहा कि वे फांसी के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती देंगे. 

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