वाराणसी। देव दीपावली पर 27 नवंबर की शाम 5.09 बजे से घाटों पर दीप जलाने का क्रम शुरू होगा। इसके लिए 2.39 घंटे का मुहुर्त है। श्री काशी विश्वनाथ धाम में भी 27 को ही देव दीपावली मनाई जाएगी। काशी विश्वनाथ धाम को 11 टून फूलों से सजाया जाएगा। वहीं दीपों व विद्युत लताओं की रोशनी से कारिडोर दैदिप्यमान होगा।
दरअसल, देव दीपावली को लेकर पहले काशी में मतैक्य नहीं था। पहले श्री काशी विश्वनाथ धाम में 26 नवंबर को देव दीपावली मनाई जानी थी। हालांकि, उदया तिथि की वजह से इसे एक दिन आगे बढ़ा दिया गया। इसके बाद विवाद खत्म हो गया। अब 27 नवंबर को ही पूरी काशी काशीपुराधिपति के साथ देव दीपावली मनाएगी।
देव दीपावली पर प्रदोष काल शाम 5.09 बजे से 1.49 बजे तक रहेगा। इस अवधि में ही दीपदान करना शुभ होता है। विद्वतजनों की मानें को 5,11,21,51 या 108 दीपक किसी नदी, सरोवर अथवा मंदिर में जलाने चाहिए। इस बार कार्तिक पूर्णिमा पर शिवयोग और कृतिका नक्षत्र का संयोग ब रहा है। यह भक्तों पर सुख और सौभाग्य बरसाएगा।