हमे समझना ही होगा प्रकृति के एक अभिन्न अंग हैं हम । #thematvala

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नई दिल्‍ली । प्रकृति के बिना हमारा कोई अस्तित्‍व नहीं है। हवा, पानी, भोजन, धूप सब कुछ हमें प्रकृति से ही मिलता है। शायद इसीलिए प्रकृति को कुछ लोग ईश्‍वर के रूप में भी देखते हैं। प्रकृति स्वयंभू है, सनातन है, शाश्वत है, मनुष्य स्वयं इस विहंगम प्रकृति का अंग है। प्रकृति सम्मत विकास ही मानव संस्कृति है। हमने शायद इस शाश्‍वत सत्‍य को भुला दिया है, जिसके परिणाम हमारे सामने आ रहे हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है कि पर्यावरण और प्रकृति के ह्रास से सामाजिक विकृतियां जन्म लेती हैं। इसलिए हम सभी को जीवन में कम से कम एक पेड़ जरूर लगाना चाहिए। देश की दिग्‍गज हस्तियां और नेता सभी पर्यावरण दिवस के अवसर पर लोगों को यही संदेश दे रहे हैं।

राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पर्यावरण दिवस पर कहा, 'विश्व पर्यावरण दिवस पर हम अपनी प्रतिबद्धता दुहराते हैं कि पृथ्वी को स्वच्छतर और सतत बनाएँगे। प्रकृति के साथ सामंजस्य पूर्ण जीवन भारतीय संस्कृति की परंपरा है। भारत जलवायु परिवर्तन से निपटने और भावी पीढ़ियों को हरित, इको-फ्रेंडली पर्यावास देने के लिए वचनबद्ध है।'

उपराष्‍ट्रपति वेंकैया नायडू ने ट्वीट कर कहा, 'विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आग्रह करता हूं कि पर्यावरण का संरक्षण करें उसे प्रदूषण से बचाएं। वायु प्रदूषण हमारी आधुनिक जीवनशैली का अभिशाप है। प्रकृति स्वयंभू है, सनातन है, शाश्वत है, मनुष्य स्वयं इस विहंगम प्रकृति का अंग है। प्रकृति सम्मत विकास ही मानव संस्कृति है। पर्यावरण और प्रकृति के ह्रास से सामाजिक विकृतियां जन्म लेती हैं।'

इससे पहले पूर्व संध्या पर पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने 'सेल्फी विद द सैप्लिंग' अभियान की शुरुआत की और कहा कि पर्यावरण संरक्षण को जनांदोलन बनाने की ज़रूरत है। इस अभियान को बॉलिवुड और खेल के दिग्गजों का भी साथ मिल रहा है। गौरतलब है कि पूरी दुनिया में हर साल 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। हर बार प्रकृति के संरक्षण, संवर्द्धन के लिए अलग थीम तय की जाती है। विश्व पर्यावरण दिवस 2019 की थीम 'वायु प्रदूषण' रखी गई है।

स्रोत : जागरण

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