वाराणसी । बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में अनुसूचित जाति और जनजाति छात्राओं से जबरन शौचालय साफ कराने का मामला प्रकाश में आया है। प्रकरण महिला महाविद्यालय से जुड़ा है। घटना की रिपोर्ट नेशनल कमीशन फॉर शेड्यूल ट्राइब्स के अध्यक्ष से भी की गई है।
घटना के बाबत बताया जा रहा है कि घटना मार्च 2019 की है, तब महिला महाविद्यालय के गृह विज्ञान विभाग में कोई संगोष्ठी थी। उसी दौरान विभाग की दो प्राध्यापिकाओं ने सफाईकर्मी के रहते हुए दो शोध छात्राओं से जबरन शौचालय साफ करवाया। इन दो छात्राओ में से एक अनुसूचित जाति और दूसरी अनुसूचित जनजाति की है।
प्रकरण का खुलासा हुआ तब जब उसी महाविद्यालय में कार्यरत एक गैर शिक्षण कर्मचारी ने उस प्राध्यापिका के खिलाफ नेशनल कमीशन फॉर शेड्यूल ट्राइब्स के अध्यक्ष से शिकायत की। कर्मचारी ने शिकायती पत्र की प्रति कुलपति को भी प्रेसित की है। शिकायती पत्र में प्राध्यापिका के खिलाफ अमर्यादित व्यवहार करने, जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं कर्मचारी ने महाविद्यालय से तबादले की गुहार भी लगाई है।
विश्वविद्यालय प्रशासन के संज्ञान में आने के बाद प्रशासन जांच कमेटी गठित की। कमेटी ने जांच पूरी कर ली है। पीड़ित छात्राओ का बयान दर्ज कर लिया है। छात्राओं ने कमेटी को बताया है कि उनसे शौचालय साफ कराया गया। सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट प्राध्यापिकाओं के खिलाफ है। उसे सोमवार शाम तक कुलपति को सौंपना था। हालांकि सूत्र बता रहे हैं कि कमेटी पर रिपोर्ट दबाने का दबाव भी पड़ रहा है। सूत्रों ने बताया कि कमेटी के सदस्यों ने सोमवार को लंबी बैठक भी की। खबर लिखे जाने तक कमेटी की बैठक जारी थी।
इस संबंध में जब पीआरओ डॉ राजेश सिंह से संपर्क किया गया तो उन्होंने घटना की जानकारी होने से साफ इंकार किया।
स्रोत : patrika.com