IIT BHU में लगेगा प्लास्टिक से डीजल बनाने वाला बायोप्लान्ट । #thematvala

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वाराणसी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में प्‍लास्टिक से बायो डीजल बनाने का प्‍लांट लगाया जाएगा। देश में अपने तरीके का यह पहला प्‍लांट होगा। इसकी पहल अमेरिकी संस्‍था 'रीन्‍यू ओशन' ने की है और आईआईटी बीएचयू के साथ करार किया है। प्‍लांट के लिए शहरी इलाके और नालों से प्‍लास्टिक इकट्ठा करने का जिम्‍मा नगर निगम संभालेगा।

आईआईटी बीएचयू के केमिकल इंजिनियरिंग विभाग के प्रफेसर पी के मिश्रा ने बताया, 'नगर निगम और अमेरिकी संस्‍था के सहयोग से नॉन रीसाइकलेबल प्‍लास्टिक से डीजल बनाने का प्‍लांट लगाने की तैयारी शुरू हो गई है। अगले महीने से प्‍लांट काम करने लगेगा। इसमें 100 किलोग्राम प्‍लास्टिक से 70 लीटर तक डीजल तैयार किया जा सकेगा।' फिलहाल डीजल का उपयोग आईआईटी में शोध के काम में किया जाएगा। इतना ही नहीं इससे निकलने वाले नेफ्था से सड़क बनाई जा सकेगी, जो काफी मजबूत होती है।

पायरोलिसिस तकनीक से बनेगा डीजल 
अभी तक नालों के जरिए गंगा में गिरने या फिर कूड़े में मिले प्‍लास्टिक को जमीन में दबाने की जगह उसे प्‍लांट तक लाकर डीजल बनाया जाएगा। इससे काशी और गंगा प्‍लास्टिक मुक्‍त होगी। विशेषज्ञों के मुताबिक, पॉलिथीन और प्‍लास्टिक उत्‍पादों में कार्बन और हाइड्रोजन का मिश्रण होता है। यह तत्‍व पेट्रोलियम पदार्थों में भी होते हैं। पॉलिथीन और प्‍लास्टिक उत्‍पादों को प्‍लांट में एक निश्चित तापमान और दबाव पर गर्म किए जाने पर डीजल का उत्‍पादन होगा। इस तकनीक को पायरोलिसिस कहते हैं। इस तरह का बड़ा प्‍लांट अमेरिका में भी लगा है।

नगर निगम का सहयोग
नगर आयुक्‍त आशुतोष कुमार द्विवेदी ने बताया कि शहर भर से पॉलिथीन और प्‍लास्टिक एकत्र करने के काम में नगर निगम सहयोग करेगा। इसके लिए निगम वाहन और कर्मचारी उपलब्‍ध कराएगा। मंगलवार को निगम और रीन्‍यू ओशन के कर्मचारियों ने अस्सी नाले से प्‍लास्टिक और पॉलिथीन निकालने का सफल ट्रायल किया। करीब 800 किलो प्‍लास्टिक और पॉलिथीन निकाली गई।

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