निर्वाचन आयोग पर विपक्ष ने लगाया सत्ता पक्ष के लिये काम करने का आरोप

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दिल्ली । लोकसभा चुनाव 2019 की तारीखों की घोषणा हुए अभी 24 घंटे भी नहीं हुए कि चुनाव आयोग विपक्षी दलों के निशाने पर आ गया है. कई विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है. लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया को लेकर आरजेडी सांसद मनोज झा ने 'आजतक' से बातचीत में चुनाव आयोग की आलोचना करते हुए कहा कि "ऐसा क्यों है कि स्टैगर्ड डेट्स आप दे रहे हैं? ऐसा क्यों है कि हमें संदेह हो रहा है कि जिस प्रकार से तारीखें घोषित की गई हैं उससे संसाधन संपन्न दल के पक्ष में चुनाव को झुकाने की कोशिश की गई है. संसाधन से संपन्न दल आज के तारीख में कौन है यह समझने के लिए आपको रॉकेट साइंस नहीं चाहिए. प्रधानमंत्री के एक मंच पर करोड़ों रुपए का खर्च होता है."
जम्मू कश्मीर में लोकसभा चुनाव के साथ-साथ विधानसभा चुनाव न कराए जाने को लेकर भी मनोज झा ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा, "ऐसा क्यों है कि अनंतनाग में लोकसभा का उपचुनाव नहीं हुआ लेकिन पंचायत और अर्बन लोकल बॉडी के चुनाव हुए?"


दूसरी ओर आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग के साथ साथ बीजेपी पर भी निशाना साधा. आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह ने कहा, "क्या मोदी जी ने अपने चुनाव प्रचार की तारीख चुनाव आयोग को भेजा और चुनाव आयोग ने उनके हिसाब से चुनाव की तारीखें घोषित की? कभी सुना है बंगाल में 7 फेज में चुनाव?"
पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश में मतदान को 7 चरणों में लंबा खींचे जाने को लेकर विपक्षी दल चुनाव आयोग से नाराज हैं. जाहिर है आने वाले दिनों में विपक्षी दलों की तल्खियां और भी सामने आएंगी.
नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने भी चुनाव आयोग की मंशा पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि 'सभी पार्टियां देश में एकसाथ चुनाव (लोकसभा और विधानसभा) कराने के पक्ष में हैं. लोकसभा चुनाव कराने के लिए माहौल अच्छा है लेकिन जम्मू एवं कश्मीर में अच्छा नहीं है, ऐसा क्यों? स्थानीय चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न करा लिए गए, सुरक्षा बलों की संख्या भी पर्याप्त है, फिर विधानसभा के चुनाव क्यों नहीं कराए जा रहे?
अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि 'हम पहले से जानते थे कि पाकिस्तान के साथ लड़ाई होगी लेकिन इस बार की सर्जिकल स्ट्राइक (एयर स्ट्राइक) चुनाव को देखते हुए की गई. हमने करोड़ों का अपना एक जंगी विमान खो दिया. अच्छी बात रही कि हमारा पायलट पाकिस्तान से सुरक्षित वापस आ गया.'
गौरतलब है कि निर्वाचन आयोग ने रविवार को लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम घोषित कर दिए. चुनाव सात चरणों में 11 अप्रैल से 19 मई तक होगा और मतों की गिनती 23 मई को होगी. चुनावी प्रक्रिया ढाई महीने तक चलेगी. चुनावी कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही देश में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है और यह सरकार और राजनीतिक पार्टियों पर तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है.
जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा चुनाव साथ कराए जाने की पार्टियों की मांग पर सीईसी ने कहा कि उम्मीदवारों की सुरक्षा के लिए बलों की कम उपलब्धता के कारण राज्य में सिर्फ लोकसभा चुनाव ही कराया जा रहा है.

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