नई दिल्ली। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने शिक्षा सत्र 2024-25 के लिए Beedi, सिनेमा (सिने) और गैर-कोयला खनन श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करते हुए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। मंत्रालय ने कुल ₹32.51 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति 92,118 विद्यार्थियों को वितरित की है।
यह सहायता श्रम कल्याण योजनाओं (Labour Welfare Schemes) के अंतर्गत दी जाती है, जो श्रमिकों के बच्चों की विद्यालयी, महाविद्यालयीन और व्यावसायिक शिक्षा में सहयोग करती है। योजना के तहत प्रति विद्यार्थी ₹25,000 प्रति वर्ष तक की छात्रवृत्ति दी जाती है। यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से आधार पेमेंट ब्रिज (APB) तकनीक के जरिए सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजी जाती है, जिससे पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और दक्ष बनती है।
इस योजना को राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (NSP) के माध्यम से लागू किया जाता है, और इसे श्रम कल्याण संगठन (LWO) द्वारा 18 क्षेत्रों में संचालित किया जाता है। ये सभी क्षेत्र श्रम कल्याण महानिदेशालय (DGLW) के अधीन कार्यरत हैं।
यह उपलब्धि मंत्रालय की समयबद्ध और प्रभावी सेवा वितरण की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि श्रमिकों के परिवारों के बच्चे शिक्षा से वंचित न हों और उन्हें समय पर आर्थिक सहायता प्राप्त हो।
इस सफलता के पीछे मंत्रालय और उसके अधीनस्थ श्रम कल्याण संगठनों के अधिकारियों का निरंतर प्रयास और समर्पण है, जिन्होंने योजनाओं को ज़मीन पर प्रभावी रूप से लागू करते हुए लाखों श्रमिक परिवारों की भावी पीढ़ी को सशक्त करने का कार्य किया है।
यह पहल शिक्षा, समावेश और सामाजिक सुरक्षा की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है, जो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के "सशक्त और समावेशी भारत" के दृष्टिकोण को साकार करने में सहायक है।