संदीप चौरसिया
नई दिल्ली/पटना विशाल सिंह, बिस्कोमान के संस्थापक तपेश्वर सिंह के पोते हैं. वे भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड के अध्यक्ष और 35 साल के युवा हैं. दो साल पहले ही निर्विरोध NCCF के अध्यक्ष चुने गए थे24 जनवरी को श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में बिहार राज्य सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (बिस्कोमान) के निदेशक मंडल का चुनाव होगा. मतदान सुबह आठ बजे से दोपहर 2 बजे तक होगा. उसी दिन परिणाम भी आ जाएगा. इस बार चुनाव में विशाल सिंह और 21 साल तक बिस्कोमान के अध्यक्ष रहे सुनील सिंह के बीच टक्कर है. NCCF के आखिरी बिहारी चेयरमैन विशाल सिंह के पिता स्व. अजित सिंह थे जो 1996 तक चेयरमैन थे.
इसके बाद कोई बिहारी चेयरमैन नहीं हुआ. इस वनवास को अजित सिंह के बेटे विशाल सिंह ने तोड़ा.विशाल सिंह, बिस्कोमान के संस्थापक तपेश्वर सिंह के पोते हैं..मूल रूप से भोजपुर के रहने वाले विशाल सिंह के दादा तपेश्वर सिंह ने भी सहकारिता के क्षेत्र में खूब काम कर चुके हैं. तपेश्वर सिंह को ही बिस्कोमान का संस्थापक माना जाता है. दूसरी पीढ़ी अजित सिंह भी लंबे अरसे तक सहकारिता क्षेत्र से जुड़े रहे. सासंद भी रह चुके हैं.
विशाल की माता जी भी सांसद रह चुकी हैं. अब विशाल अपनी फैमिली के तीसरी पीढ़ी है जो इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं.विशाल सिंह का दावा है कि उनके कार्यकाल में एक साल में NCCF ने 5,968.96 करोड़ रुपये का टर्नओवर किया है और 182.25 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है. यह इतिहास में अबतक का सबसे ज्यादा मुनाफा है. विशाल सिंह का दावा है कि उनके कार्यकाल में एक साल में NCCF ने 5,968.96 करोड़ रुपये का टर्नओवर किया है और 182.25 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है. यह इतिहास में अबतक का सबसे ज्यादा मुनाफा है.
उन्होंने कहा है कि अगर हमारे पैनल को वोटरों का आशीर्वाद मिलता है तो हमारी टीम बिस्कोमान को जीवंत करेंगे और किसानों को फायदा पहुंचाएंगे. उधर, करीब 21 सालों तक बिस्कोमान का अध्यक्ष रह चुके सुनील सिंह ने चैलेंज दिया है कि विशाल सिंह के पैनल को 35 वोट भी नहीं मिलेगा. अब बिस्कोमान का चुनाव काफी दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है.