केंद्रीय कैबिनेट से एक देश-एक चुनाव बिल को मंजूरी, अगले हफ्ते संसद में पेश किया जाएगा

Navchetana
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केंद्रीय कैबिनेट ने "एक देश-एक चुनाव" के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, और यह बिल अगले हफ्ते संसद में पेश किया जाएगा। सरकार इस बिल पर व्यापक सहमति बनाना चाहती है, जिसके लिए इसे जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) के पास भेजा जाएगा। JPC इस पर सभी राजनीतिक दलों के साथ चर्चा करेगी।


बिल पास होने पर क्या होगा?

अगर यह बिल पारित हो जाता है, तो 2029 तक भारत में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होंगे। इसके तहत:

  1. राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल घटेगा: एक देश-एक चुनाव को लागू करने के लिए कुछ राज्यों में विधानसभा चुनावों का कार्यकाल घट सकता है।
  2. विधानसभा चुनावों में विस्तार: जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव 2023 के अंत में हुए हैं, उनका कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है।
  3. 2029 से लागू होगा: विधि आयोग के प्रस्ताव पर अगर सभी दल सहमत होते हैं, तो यह 2029 से लागू होगा। इसके लिए 2026 तक 25 राज्यों में विधानसभा चुनाव करवाए जाएंगे।

कोविंद पैनल के सुझाव

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक पैनल ने इस मुद्दे पर विचार किया और कई अहम सुझाव दिए, जिनमें शामिल हैं:

  1. सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल 2029 तक बढ़ाया जाए।
  2. हंग असेंबली या नो कॉन्फिडेंस मोशन की स्थिति में नए चुनाव कराए जा सकते हैं।
  3. पहले फेज में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएंगे, जबकि दूसरे फेज में 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव होंगे।
  4. एकल वोटर लिस्ट और वोटर आईडी कार्ड तैयार किए जाएंगे, जो सभी चुनावों के लिए मान्य होंगे।
  5. चुनावों के लिए उपकरणों, जनशक्ति और सुरक्षा बलों की एडवांस प्लानिंग की सिफारिश की गई है।

क्या है वन नेशन-वन इलेक्शन?

"वन नेशन-वन इलेक्शन" का मतलब है कि पूरे देश में एक साथ लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव होंगे। वर्तमान में भारत में ये चुनाव अलग-अलग समय पर होते हैं, लेकिन इस प्रस्ताव के तहत मतदाता एक ही दिन, एक ही समय पर या चरणबद्ध तरीके से अपने वोट डालेंगे।

पिछले समय में 1952, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हुए थे, लेकिन 1968 और 1969 में कई विधानसभाएं समय से पहले भंग हो गईं, जिसके कारण इस परंपरा का टूटना हुआ।

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