वाराणसी। महादेव की नगरी काशी एक बार फिर भव्य आयोजन के लिए तैयार है। 13 दिसंबर को काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण की तीसरी वर्षगांठ पर विशेष शोभायात्रा का आयोजन किया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग के सहयोग से शिवबारात समिति द्वारा आयोजित इस शोभायात्रा का मुख्य आकर्षण इस बार प्रयागराज महाकुंभ की थीम होगी।
शोभायात्रा का मार्ग और आयोजन
यह शोभायात्रा 13 दिसंबर को काशी के मैदागिन क्षेत्र से शुरू होकर बुलानाला, चौक, बांसफाटक और अन्य प्रमुख मार्गों से होती हुई दशाश्वमेध घाट पर समाप्त होगी। शोभायात्रा में भव्य झांकियां और गाजे-बाजे के साथ पारंपरिक रूप से आयोजन की तैयारी की गई है।
शिवबारात समिति के सदस्य आरके चौधरी, दिलीप सिंह, महेश माहेश्वरी, विवेक मेहरोत्रा और मनीष तुलस्यान ने बताया कि इस वर्ष की शोभायात्रा विशेष महत्व रखती है, क्योंकि महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में होने वाला है। महाकुंभ और महादेव के बीच गहरा संबंध है, जिसे इस शोभायात्रा के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा।
महाकुंभ थीम का महत्व
प्रयागराज का महाकुंभ विश्व प्रसिद्ध है, और इसका काशी से गहरा सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंध है। प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम होता है, जो इसे अन्य तीर्थ स्थलों से विशिष्ट बनाता है। इस थीम के जरिए काशी और महाकुंभ के बीच के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संबंध को प्रस्तुत किया जाएगा।
मुख्य अतिथि और आयोजन की विशेषताएं
इस शोभायात्रा के मुख्य अतिथि पूर्व धर्मार्थ मंत्री और वाराणसी दक्षिणी विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी होंगे। उन्होंने काशी विश्वनाथ धाम के भव्य निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सपने के रूप में काशी विश्वनाथ धाम ने धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में अपनी पहचान बनाई है। यह शोभायात्रा उसी गौरव को श्रद्धांजलि देने का एक प्रयास है।