मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जौनपुर के रहने वाले कृपाशंकर सिंह साल 2004 की कांग्रेस सरकार में गृह राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। कृपाशंकर सिंह एक बेहद ही साधारण परिवार से निकल कर महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा नाम बने। रोज़ी रोटी के लिए उन्होंने दवा कंपनी में भी काम किया और परिवार चलाने के लिए आलू-प्याज भी बेचा। वर्तमान समय में कृपाशंकर सिंह मुंबई के कालीना सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार और विधायक हैं। सिंह पर 300 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति अवैध ढंग से इकट्ठा करने का मामला दर्ज है।
मुंबई में बेचा आलू-प्याज
कृपाशंकर 1971 में जौनपुर से मुंबई काम की तलाश में आए थे। मुंबई के सांताक्रूज इलाके की एक झुग्गी बस्ती में रहते हुए कृपाशंकर सिंह ने एक दवाई बनाने वाली कंपनी में काम किया। इस काम के बदले उन्हें प्रतिदिन के हिसाब से 8 रुपए मिलते थे। लेकिन यह पैसा परिवार चलाने के लिए पर्याप्त नहीं था। परिवार चलाने के लिए खाली समय में कृपाशंकर सिंह सड़कों पर आलू और प्याज भी बेचा करते थे। जिस झोपड़ी में कृपाशंकर रहते थे उसमें लोगों को शिफ्टों में सोना पड़ता था।
उत्तर भारतीयों में लोकप्रिय
उनके नज़दीकी लोग बताते हैं कि एक जमाने में कृपाशंकर सिंह के पास अपने बच्चे के लिए दूध तक के पैसे नहीं होते थे लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और कभी किसी को दिक्कतों का अहसास नहीं होने दिया। अपनी दिक्कतों में भी वो दूसरों की मदद करते रहे इस कारण थोड़े ही दिन में वह आम उत्तर भारतीयों में बेहद लोकप्रिय हो गए।
इंदिरा से मिली राजनीति में आने की प्रेरणा
कृपाशंकर सिंह को राजनीतिक कौशल अपने परिवार से मिला। उनके पिता जौनपुर में एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। मुंबई आने के बाद कृपाशंकर सिंह ने झुग्गी की समस्याओं के लिए आवाज उठाई और स्थानीय स्तर पर काम करने लगे। कुछ साल बाद कृपाशंकर सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी से एक कार्यक्रम के दौरान मुलाकात की और उनके कहने पर सक्रिय राजनीति में शामिल हुए।