Lok Sabha Election 2024 UP: लोकसभा चुनाव से पहले तमाम सियासी दल और नेता अपने कुनबे को मजबूत करने में जुटे हैं. इसी कड़ी में आज 8 मार्च को विभिन्न दलों के दर्जनों नेता अपने हजारों कार्यकर्ता समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं.
जिसके बाद सपा के संगठन को जमीनी स्तर पर और मजबूती मिलेगी. चुनाव से पहले इसे सपा के लिए बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है. इन नेताओं में तमाम राजनीतिक दलों के नेता शामिल हैं फिर चाहे वो जयंत चौधरी की राष्ट्रीय लोकदल हो या बसपा या फिर आम आदमी पार्टी के नेता सपा में शामिल हो गए.
सपा में शामिल हुए कई बड़े नेता
जानकारी के मुताबिक सपा दफ्तर में अलग-अलग दलों के सैकड़ों नेता सपा की साइकिल पर सवार हो गए. भारतीय जनता पार्टी की डॉ. सीता राजपूत ने भी बीजेपी को छोड़कर सपा का दामन थाम लिया. इनके अलावा राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लतेश बिधूड़ी भी जयंत चौधरी को छोड़कर अखिलेश यादव के साथ आ गए हैं. परवेज आलम और बसपा छोड़कर आए इलिज़ अंसारी भी सपा में शामिल हो गए हैं.
पूर्व विधायक और जेडीयू नेता सुभाष चन्द्र श्रीवास्तव, बसपा छोड़कर आए तिलक चन्द्र वर्मा, औरैया से पूर्व विधायक मदन गौतम, स्व भान चन्द्र यादव के सुपुत्र सुबोध यादव भी आज सपा में शामिल हो गए हैं. इन नेताओं के आने से सपा जमीनी स्तर पर और मजबूत होगी और लोकसभा चुनाव में पार्टी को फायदा मिलेगा.
संतकबीरनगर में सपा को और मिलेगी मजबूती
सुबोध यादव को सपा में शामिल होने से आगामी आम चुनाव में संतकबीरनगर नगर में मजबूती मिलेगी, क्योंकि संतकबीरनगर में सुबोध यादव की लोकप्रियता अच्छी-खासी है. इनके स्वभाव के चलते इन्हें सभी वर्गो के लोग पसन्द करते हैं. इनकी गिनती जिले के लोकप्रिय नेताओं में होती है. वे राजनीति में लंबे समय से सक्रिय भी हैं. सुबोध यादव पूर्वांचल के दिग्गज नेता और पूर्व सांसद स्व. भालचंद यादव की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं.
दो साल बाद घर वापसी
जानकारी के लिए बता दें कि 2022 के विधानसभा चुनाव में सुबोध यादव खलीलाबाद विधानसभा से समाजवादी पार्टी के प्रमुख दावेदारों में थे. लेकिन जब सपा ने उम्मीदवारों के नाम की सूची जारी की तो उसमें दिग्विजय नारायण उर्फ जय चौबे के नाम का ऐलान कर दिया था. टिकट न मिलने पर सुबोध यादव ने अपने समर्थकों से राय सुमारी करने के बाद आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए थे. इसके बाद आप के सिंबल पर विधानसभा का चुनाव लड़े. लेकिन सफलता नहीं मिली. हालांकि, अब सुबोध यादव की एक बार फिर से घर वापसी हो गई हैं. सुबोध यादव के सपा में शामिल होने के बाद समर्थकों में काफी उत्साह है.