Ambedkar Nagar News:अम्बेडकर नगर के राजकिय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में नहीं हैं शिक्षकों कि पर्याप्त संख्या ,कैसे होगी बच्चों कि पढाई

Vipin Yadav
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 अम्बेेडकर नगर के आलापुर तहसील क्षेत्र के राजेसुल्तानपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों की पढ़ाई का खस्ताहाल है। किसी विद्यालय में प्रधानाध्यापक का पद लंबे समय से रिक्त है, तो किसी में प्रमुख विषयों के शिक्षक की नदारद हैं। इससे इन विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों की शिक्षा पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। लंबे समय से संचालित इन स्कूलों में शिक्षक व संसाधनों का संकट अब इनके औचित्य पर ही सवाल खड़ा कर रहा है।


बुनियादी सुविधा व बेहतर शिक्षा न मिल पाने में हो रही दिक्कत के चलते अभिभावक  राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कम्हरिया, राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अहिरौली रानीमऊ व राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जहांगीरगंज में अपने बच्चों का प्रवेश कराने से कतरा रहे हैं। बच्चों को सस्ती व बेहतर शिक्षा देने की मंशा भी इससे धूमिल हो रही है। स्थानीय नागरिकों ने शासन प्रशासन से अविलंब इन विद्यालयों में शिक्षक व अन्य संसाधनों के संकट को दूर किए जाने की मांग की है।

फोटो गूगल: राजकीय उच्चतर प्राथमिक विद्यालय 

प्रधानाचार्य के बिना ही चल रहा है विद्यालय 

 कम्हरियाघाट के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाचार्य व शिक्षक सहित कुल 11 पद सृजित हैं। इसमें प्रधानाचार्य का ही पद रिक्त चल रहा है। शिक्षकों का संकट ऐसा कि विद्यालय सिर्फ दो शिक्षक अंग्रेजी विषय के घुरई प्रसाद व सामाजिक विज्ञान विषय के अजय वर्मा के भरोसे चल रहा है। प्रमुख विषय हिन्दी, गणित, विज्ञान, कला व संस्कृत विषय के शिक्षकों का पद 2011 से खाली पड़ा है। कार्यवाहक प्रधानाचार्य घुरई प्रसाद ने बताया कि इसकी जानकारी विभाग को दी जा चुकी है। कनिष्ठ लिपिक के एक व चतुर्थ श्रेणी के दो पद भी वर्षों से खाली पड़े हैं। कक्षा नौ में 21 तो कक्षा 10 में 45 बच्चे पंजीकृत है। प्रमुख विषयों के लिए ही शिक्षक न होने की वजह से ही यहां छात्रों की संख्या में लगातार कमी आ रही है।

आखिर कब होगी खाली पड़े पदों पर शिक्षकों की तैनाती

राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अहिरौली रानी मऊ की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है। फिलहाल यहां प्रधानाचार्य के पद पर विद्यावती की तैनाती है। संस्कृत विषय के लिए शिक्षिका सीमा, हिन्दी के लिए चेतना, सामाजिक विज्ञान विषय के लिए वंदना की तैनाती है। प्रमुख विषय विज्ञान, गृहविज्ञान व गणित के शिक्षक की तैनाती का इंतजार वर्ष 2012 से है। जीवविज्ञान विषय के शिक्षक की कुर्सी 2020 तो अंग्रेजी विषय के शिक्षक की कुर्सी 2021 से खाली है। लिपिक का एक पद व चतुर्थ श्रेणी का दो पद शुरुआती दौर से ही रिक्त चल रहा है। यहां पर पंजीकृत छात्रों की कुल संख्या 140 है। कक्षा नौ में 60 तो कक्षा 10 में 80 छात्र छात्राएं हैं। सभी विषयों के शिक्षक न होने से बच्चों को समुचित शिक्षा भी नहीं मिल पा रही है।

स्कूल में बच्चों कि संख्या 159 और शिक्षक सिर्फ तीन 

राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जहांगीरगंज का हाल भी बदहाल है। यहां पर प्रधानाचार्य पद पर सुरेश लाल श्रीवास्तव की तैनाती है। हिन्दी विषय के लिए मुकेश कुमार, जीव विज्ञान के लिए रामजतन, सामाजिक विज्ञान के लिए प्रदीप कुमार की तैनाती है। गृह विज्ञान, संस्कृत व गणित विषय के शिक्षकों की कुर्सी वर्ष 2012 से रिक्त है तो अंग्रेजी शिक्षक का पद 2022 से खाली चल रहा है। प्रधानाचार्य सुरेश लाल ने बताया कि कुल 159 बच्चे पंजीकृत हैं। कक्षा नौ में 50 तो हाईस्कूल में 109 बच्चे पंजीकृत हैं। कनिष्ठ लिपिक के पद पर विकास चंद्र की तैनाती है, जबकि चतुर्थ श्रेणी का दो पद रिक्त है।

बच्चों के अभिभावकों ने जताई नाराजगी

अभिभावक महेन्द्र प्रसाद, रामजीत, राधेश्याम, सूर्य बलि आदि ने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के संकट पर कड़ी नाराजगी जताई। कहा कि सरकार बच्चों को बेहतर शिक्षा देने का तमाम दावे करती है, लेकिन राजकीय स्कूलों में शिक्षक व संसाधनों का क्या हाल है इस तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसका प्रतिकूल असर बच्चों की शिक्षा पर पड़ रहा है। सरकार को गंभीरता से रिक्त पड़े पदों पर शिक्षकों की तैनाती सुनिश्चित करनी चाहिए।

विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती शासन स्तर से कि जाती है 

प्रवीन कुमार मिश्र, डीआईओएस का कहना है कि राजकीय स्कूलों में रिक्त शिक्षकों के पदों को भरने के लिए शासन से पत्राचार किया जा चुका है। विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती की जिम्मेदारी शासन स्तर से की जाती है। फिलहाल सभी विद्यालयों में बेहतर शिक्षा देने का पूरा प्रयास सुनिश्चित कराया जाता है।

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