महाविद्यालय को नए आयाम पर ले जाने की होगी प्राथमिकता : अखिलेश्वर शुक्ल

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किशन उपाध्याय, मनोज कुमार |

 जौनपुर । राजा श्री कृष्ण दत्त पी• जी• कॉलेज के प्रधानाचार्य के रूप में राजनीति विज्ञान विभाग के प्राध्यापक कैप्टन डॉ अखिलेश्वर शुक्ला ने बीते दिनों कार्यभार ग्रहण किया। एक फरवरी को आयोजित प्राचार्य पद ग्रहण समारोह में निवर्तमान प्राचार्य डॉ विष्णु चंद्र त्रिपाठी ने महाविद्यालय के समस्त पदाधिकारियों एवं  प्राध्यापकों की उपस्थिति में नवनियुक्त प्रधानाचार्य डॉ अखिलेश शुक्ला को कार्यभार सौंपा। डॉ अखिलेश्वर शुक्ला जौनपुर के गौरवशाली इतिहास से समृद्ध राजा श्री कृष्ण दत्त पीजी कॉलेज के 12वे प्रधानाचार्य हैं।


गौरतलब है कि डॉ अखिलेश्वर शुक्ला का जन्म बिहार के छोटे से जनपद 'सासाराम' में हुआ। संसाधनों और उचित शिक्षा के अभाव के कारण शुक्ल जी अपनी हाई स्कूल की परीक्षा सासाराम से उत्तीर्ण करने के बाद बनारस आ गए। और आगे की पढ़ाई बनारस से ही की। सेंट्रल हिंदू स्कूल से इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद काशी हिंदू विश्वविद्यालय से राजनीती विज्ञान मे  स्नातक और परास्नातक की डिग्री हासिल की और आगे चलकर अपने शोध कार्य को पूर्ण कर पीएचडी की उपाधि धारण की। पत्रकारिता विभाग के छात्रों के साथ बातचीत मे अखिलेश्वर शुक्ला जी बताते हैं की शोध कार्य के दौरान वह लंबे समय तक दिल्ली पार्लियामेंट से भी जुड़े रहें। शोध कार्य पूर्ण करने के पश्चात 1991 में राजा श्री कृष्ण दत्त पीजी कॉलेज के राजनीती विज्ञान के प्रवक्ता नियुक्त हुए। अध्यापन कार्य के दौरान शुक्ला जी एनसीसी उच्च अधिकारी भी रहें। उन्होंने जिला पथ से लेकर राजपथ तक एनसीसी के छात्र -छात्रों का प्रतिनिधित्व किया जिसके लिए उन्हें महामहिम राज्यपाल द्वारा सम्मानित भी किया गया एवं कैप्टन की उपाधि दी गयी। यही नहीं शुक्ला जी 2003 से 2012 तक कॉलेज के अनुशासक अधिकारी भी रहे हैं औऱ इस दौरान उन्होंने कॉलेज परिषद मे मोबाइल पर प्रतिबंध लगा दिया। जिसका परिणाम यह हुआ की नकल एवं कुशासन के लिए बदनाम राज कॉलेज पूर्ण रूप से नकल विहीन हों गया। अखिलेश्वर शुक्ला जी अपने नए प्रायोगिक विचारों के लिए जाने जाते है उन्होंने प्राचार्य पद ग्रहण करते ही महाविद्यालय परिसर मे कुछ महत्वपूर्ण बदलाव का निर्णय भी लिया है जिसमे विद्यार्थियों के परिचय पत्र एवं औऱ कई अनुबधों से लेकर स्टॉफ के लिए कड़े आदेश शामिल है। विद्यार्थियों को नशे से दूर रखना शुक्ला सर की प्राथमिकता मे शामिल है। इस मौके पर उन्होंने अपनी प्राथमिकता के बारे में बतलाते हुए महाविद्यालय का सर्वांगीण विकास, पठन-पाठन, पुस्तकालय, नए वोकेशनल कोर्स की शुरुआत, पत्रकारिता जैसे राष्ट्रीय भाग्य निर्माता विषयों का संचालन और बेहतर तरीके से कि जाने की बात कही। उन्होंने बताया कि समय-समय पर वाद विवाद प्रतियोगिता, सेमीनार आदि का भी आयोजन कराया जाएगा। विश्वविद्यालय से प्राप्त संसाधन का सही उपयोग होगा। अवकाश प्राप्त शिक्षक को अनुबंध के आधार पर बहाल किए जाने का भी प्रयास होगा। उन्होंने कहा कि स्थानीय सम्पन्न, जागरूक समाजसेवी, राजनीतिक कार्यकर्ता, जनप्रतिनिधि आदि के साथ बैठक कर उनकी सहभागिता ली जाएगी। महामारी के कारण शिक्षा क्षेत्र मे आये भारी संकटों से लड़ने के लिए उन्होंने विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षकों का भी हौसला बढ़ाने कि बात कही। अखिलेश्वर जी का कहना है की महामारी से उबरते समय सरकार को भी शिक्षकों, शिक्षण संस्थाओं एवं विद्यार्थियों की समस्याओं को हल करना होगा तभी भारत के होनहारों का भविष्य सुरक्षित हो सकेगा। इससे उनकी पढ़ाई जारी रहने के साथ ही फीस और नौकरी का दबाव भी उन पर कम पड़ेगा। भारतीय लोकतंत्र में जनता के, जनता के लिए और जनता द्वारा शासन की प्राथमिकता है इसलिये भारत सरकार का दायित्व है कि जनता को महामारी से सुरक्षित करे तथा विद्यार्थियों की शिक्षा उनकी जीवन रक्षा के साथ जारी रखे। तभी युवाओं का भविष्य सुरक्षित बचेगा।


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  1. प्रस्तुति आत्मीयतापूर्ण, सराहनीय, हार्दिक बधाई एवं ढ़ेर सारी शुभकामनाएं।

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