उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के खुखुंदू थाने के दरोगा मंगला प्रसाद का वायरल हो रहा ऑडियो इन दिनों चर्चा में है। इसमें वह एक मुकदमे के संदर्भ में आरोपी पक्ष से यह कहते सुने जा रहे हैं कि अगर मुझे डेढ़ लाख रुपये दिए होते तो मैं मुकदमा ही खारिज करा देता। ऑडियो में दरोगा अधिवक्ताओं को भी भला-बुरा कह रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक, नरौली संग्राम गांव निवासी रसीद अंसारी ने सदर कोतवाली के सरौरा पांडेय निवासी अपनी रिश्तेदारी की एक महिला को गांव की कुछ जमीन फर्जी दस्तावेज तैयार कर बेच दी। महिला को जब इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने थाने में तीन लोगों के विरुद्ध केस दर्ज करा दिया।
विवेचना के दौरान दरोगा ने मुख्य आरोपी रसीद को दो माह पूर्व गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इसके बाद रसीद का बेटा चार्जशीट न्यायालय में भेजने के लिए भाग-दौड़ करने लगा। उधर, आरोपी पक्ष महिला के साथ समझौते की बात भी करने लगे। हालांकि बात बनी नहीं। इसी बीच रसीद के बेटे ने दरोगा से मोबाइल फोन पर बात कर समझौता न होने की जानकारी दी। इस बातचीत के वायरल हो रहे ऑडियो में दरोगा उसे न्यायालय के माध्यम से क्रॉस मुकदमा लिखवाने की राय दे रहे हैं। वह यह कहते भी सुने जा रहे हैं कि डेढ़ लाख रुपये मुझे दे दिए होते तो मुकदमा ही खारिज करा दिया होता। इसके बाद दरोगा ने वकीलों को भी अशब्द कहे।
इस मामले में दरोगा मंगला प्रसाद का कहना है कि वादी और प्रतिवादी के बीच सुलह-समझौते की बात चल रही थी। इसमें वादी को डेढ़ लाख रुपये लौटाने की बात कही गई थी। मैंने आरोपी पक्ष के हित में ऐसा कहा। अपने लिए रुपये नहीं मांगे। जहां तक रही वकीलों की बात तो वे दोनों पक्षों को लड़ा रहे थे तो मैंने उनपर नाराजगी जाहिर की थी।
एसपी डॉ. श्रीपति मिश्र ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। इसकी सत्यता की जांच कराने के बाद संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।