नयी दिल्ली (भाषा) । पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण की गंभीर होती समस्या का ठीकरा एक बार फिर दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर फोड़ते हुए कहा है कि दिल्ली सरकार, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आदेशों का पालन नहीं कर रही है तथा प्रदूषण के नाम पर सिर्फ विज्ञापनों में पैसा बर्बाद किया जा रहा है।
रसायन उद्योग जगत द्वारा सोमवार को ‘सतत विकास’ पर आयोजित सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद जावड़ेकर ने दिल्ली में वायु प्रदूषण के संकट पर संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा कि प्रदूषण जनता को तकलीफ देने वाली एक वास्तविक समस्या है। केन्द्र सरकार इस दिशा में बेहद गंभीर है, यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को थाईलैंड में होते हुए इस समस्या पर ध्यान दिया। इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने देर शाम दिल्ली और पड़ोसी राज्यों की उच्चस्तरीय बैठक बुलाई।
उन्होंने सीपीसीबी के आदेशों के पालन में दिल्ली सरकार पर उदासीन रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘सीपीसीबी ने जितने भी आदेश दिए हैं, दिल्ली सरकार उन्हें देखे और उनमें से कितने का पालन किया है, यह बताए।’’
पंजाब के किसानों द्वारा पराली जलाने पर रोक नहीं लगने के कारण वायु प्रदूषण का संकट गहराने के सवाल पर जावड़ेकर ने कहा कि केजरीवाल सरकार 22 लाख किसानों में से सिर्फ 40 हजार किसानों को पराली निस्तारण मशीनें देने की दलील दे रही है।
उन्होंने प्रदूषण के नाम पर विज्ञापनों में पैसा बर्बाद करने का केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘हमने तो पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकारों को 1100 करोड़ रुपये दिए हैं। दिल्ली सरकार कम से कम 1500 करोड़ रुपये विज्ञापन पर बर्बाद करने के बजाय दिल्ली का प्रदूषण कम करने के लिए 1500 करोड़ रुपये किसानों को क्यों नहीं दे रही है।’’
प्रदूषण से निपटने के उपायों का पालन सुनिश्चित करने के लिए सभी राज्यों की अब तक बैठक नहीं बुलाए जाने के सवाल पर जावड़ेकर ने कहा, ‘‘मैंने ही मंत्री बनने के बाद पांच राज्यों के मंत्रियों और सचिवों की बैठक बुलाकर समस्या के समाधान खोजने की गंभीर पहल की शुरुआत की है। अब तक इस प्रकार की सात आठ बैठकें हो चुकी हैं। नौवीं बैठक भी जल्द ही होगी।’’
उन्होंने रविवार को प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा बुलाई गई बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि सोमवार को भी राज्यों के सचिव और मुख्य सचिवों की बैठक होगी।
दिल्ली सरकार द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार से लागू किए गए सम-विषम नंबर नियम सहित इस समस्या से जुड़े किसी अन्य सवाल का जावड़ेकर ने कोई जवाब नहीं दिया। सम-विषम नंबर नियम के समर्थन के सवाल पर उन्होंने इतना ही कहा कि वह इलेक्ट्रिक कार का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसे नंबर नियम में छूट प्राप्त है।