मानव तस्करी किसे कहते हैं और इसके क्या कारण हैं

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 मानव तस्करी की परिभाषा

संयुक्त राष्ट्र की परिभाषा के अनुसार किसी व्यक्ति को बल प्रयोग कर, डराकर, धोखा देकर, हिंसा जैसे तरीकों से भर्ती, तस्करी या बंधक बना कर रखना मानव तस्करी के अंतर्गत आता है . इसमें पीड़ित व्यक्ति से देह व्यापार, घरेलू काम, गुलामी इत्यादि कार्य पीड़ित व्यक्ति की इच्छा के विरुद्ध कराये जाते हैं.

लोग सोचते हैं कि गैर कानूनी तरीकों से लोगों को किसी और देश की सीमा पार कराना ही मानव तस्करी होती है.

 नहीं केवल किसी देश का बॉर्डर पार करना ही मानव तस्करी को परिभाषित नहीं करता है
बल्कि इसमें अन्य गतिविधियाँ भी शामिल होतीं हैं.
बाल तस्करी के मामले में मानव तस्करी को परिभाषित करने के लिए किसी भी तरह की हिंसा या जबरदस्ती शामिल नहीं है.
बस बच्चों को शोषणकारी परिस्थितियों में शामिल करना ही मानव तस्करी माना जाता है.


 मानव तस्करी के मुख्य उद्देश्य हैं

1. जबरन वेश्यावृत्ति करना
2. बंधक मजदूर बनाना / गुलामी कराना
3. जबरदस्ती भीख मांगना
4. जबरन आपराधिकता में शामिल करना
5. घरेलू गुलामी
6. जबरन शादी करना
7. जबरन अंग निकालना (जैसे किडनी, आँख, खून इत्यादि)
8. जबरदस्ती नशीली दवाओं की तस्करी

 मानव तस्करी के पीछे आम कारण हैं

1. गरीबी से बचने के लिए
2. जीवन को बेहतर बनाने के लिए
3. अपने परिवारों का भरण पोषण करने के लिए
4. नौकरी पाने के लिए
5. कुछ लोग नौकरी, यात्रा और आवास की व्यवस्था करने और अन्य प्रकार के जेब खर्च करने के लिए उधार ले लेते हैं लेकिन जब उन्हें जॉब नहीं मिलती है तो ये लोग उधार देने वाले लोगों का आसानी से शिकार बन जाते हैं.
6. कुछ मामलों में तो तस्कर, लोगों के डाक्यूमेंट्स और अन्य जरूरी कागजात भी रख लेते हैं और जब तक उनका कर्ज नहीं चुकता हो जाता है तब तक ये लोग शोषण करते हैं.

 स्मगलिंग और ट्रैफिकिंग में अंतर

लोगों में एक आम धारणा है कि स्मगलिंग और ट्रैफिकिंग में कोई अंतर नहीं है. लेकिन यह सच नहीं है क्योंकि स् मगलिंग तब घटित होती है जब एक तय फीस के लिए लोगों को एक देश की सीमा के पार ले जाया है या कुछ चीजों जैसे सोना या ड्रग्स को भी किसी देश की सीमा में सप्लाई किया जाता है . यह पूरा काम हो जाने के बाद स्मगलिंग करने वाला व्यक्ति फ्री हो जाता है.

दूसरी ओर मानव तस्करी बलात श्रम, शोषण और वेश्यावृत्ति आदि जैसे कार्यों के लिए व्यक्ति का मूवमेंट है .

 ट्रैफिकिंग में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार करने की आवश्यकता नहीं होती है. मानव तस्करी राष्ट्रीय स्तर पर या एक समुदाय के भीतर भी हो सकती है.

 मानव तस्करी के बारे में तथ्य (संयुक्त राष्ट्र ड्रग्स और अपराध और अन्य संस्थानों के अनुसार)

A. तस्करी के शिकार लोगों में 51% महिलाएं, 28% बच्चे और 21% पुरुष हैं.

B. सेक्स उद्योग में शोषित 72% महिलाएं हैं

C. पहचाने गए मानव तस्करों में 63% पुरुष और 37% महिलाएँ शामिल हैं.

D. 43% पीड़ित किसी देश की सीमाओं के भीतर ही घरेलू स्तर पर मानव तस्करी का शिकार बनते हैं.

E. अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक संगठन के अनुमान के अनुसार वैश्विक स्तर पर मानव तस्करी से 40.3 मिलियन लोग पीड़ित हैं.

F. अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक संगठन के अनुमान के अनुसार दुनिया में जबरन श्रम और मानव तस्करी का उद्योग $150 बिलियन का है.

G. भारत उन देशों में से है, जिनमें मानव तस्करी के शिकार लोगों की सबसे बड़ी संख्या है. एक अनुमान के अनुसार भारत में एक गरीब बच्ची को वेश्यावृत्ति में फंसाने में सिर्फ 48 घंटे लगते हैं.

मानव तस्करी एक वैश्विक समस्या है. इसके फैलने का मूल कारण व्यापक गरीबी है यदि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस अपराध को रोकना चाहता है तो सभी अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों को वैश्विक स्तर पर प्रभावित देशों के साथ सामूहिक रूप से मिलकर काम करने की आवश्यकता है l
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