नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को स्वास्थ्य कारणों से 20 दिसंबर तक अंतरिम जमानत दी है। जस्टिस मनोज कुमार ओहरी की बेंच ने कुलदीप सेंगर की सजा को स्वास्थ्य के आधार पर निलंबित करते हुए यह आदेश दिया।
सेंगर की ओर से पेश वकील कन्हैया सिंघल ने अदालत में तर्क दिया कि सेंगर ने रेप मामले में पहले ही अंतरिम जमानत प्राप्त की है, लेकिन वह तब तक रिहा नहीं हो सकते जब तक उन्हें उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में सजा नहीं दी जाती। सिंघल के मुताबिक, सेंगर ने ट्रायल कोर्ट से मिली सजा का आधा हिस्सा पहले ही काट लिया है। हालांकि, पीड़िता के वकील महमूद प्राचा ने सेंगर की याचिका का विरोध किया और कहा कि उन्हें याचिका की प्रति उपलब्ध नहीं कराई गई थी। इस पर कोर्ट ने पूछा कि एक ही मामले में दो बेंच की अलग-अलग राय कैसे हो सकती है।
याद दिला दें कि 5 दिसंबर को जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच ने कुलदीप सेंगर को प्राथमिक चिकित्सा जांच के लिए दो हफ्ते की अंतरिम जमानत दी थी। कोर्ट ने आदेश दिया था कि सेंगर को 6 दिसंबर को तीन-चार दिनों के लिए अस्पताल में भर्ती किया जाएगा।
उन्नाव रेप मामले में कुलदीप सेंगर को 2019 में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। इसके साथ ही 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया, जिसमें से 10 लाख रुपये पीड़िता को दिए जाने का आदेश दिया गया था। इस मामले में सेंगर की याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित है।
सेंगर ने 16 दिसंबर 2019 को उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में हत्या के मामले में भी 10 साल की सजा काटी, साथ ही उस पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था।