Varanasi News: मां गंगा निषादराज सेवा न्यास की बैठक दशाश्वमेध घाट पर हुई। इस दौरान गंगा में क्रूज संचालन पर मांझी समाज के लोगों ने विरोध दर्ज कराया। वहीं अधिकारियों को पत्रक सौंपकर क्रूज का संचालन बंद करने की मांग की। हवाला दिया कि क्रूज का संचालन होने से उनके लिए रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
कहा कि निषादराज समाज अनादिकाल से गंगा में डूबते लोगों की रक्षा, धर्म कर्म में अपनी भागीदारी तथा व्यवसाय के साधन के रूप में नौका का संचालन करता आ रहा है। धर्मग्रन्थों से यह ज्ञात होता है कि हम अपना यह कर्तव्य भगवान राम जी के समय से लेकर बर्ततान समय तक अनवरत रूप से इसका निर्वाहन करते आ रहे है। मुख्य रूप से धर्म की राजधानी काशी में यहां पर निषाद समाज की परम्परागत व्यवस्था है जिसमें अलग-अलग घाटों पर अलग-अलग लोगों का अधिकार है। जिसका जहां पर अधिकार है वहीं से अपना नौका संचालन करता है। यहां तक की बगल के घाट के लोगों का नाव को अपने घाट पर चलने नहीं दिया जाता है। ऐसे में किसी अन्य जाति को अपने बीच नौका संचालन करने देना हम लोगों के लिए असहनीय है। गंगा में एक नये क्रूज का संचालन किया जा रहा है जोकि हम लोगों के लिए इसको स्वीकार करना असहनीय है। अगर जल्द से जल्द इलेक्ट्रीक क्रूज का संचालन नहीं रोका गया तो निषाद समाज इसका पुरजोर विरोध करेगा।
निषादराज सेवा न्यास की ओर से एडीएम सिटी को पत्रक सौंपकर क्रूज का संचालन बंद करने की मांग की गई। चेताया कि यदि उनकी मांग पर अमल नहीं किया गया तो पुरजोर तरीके से विरोध करेंगे। इसकी सारी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।