सकारात्मक व्यक्ति ही दूसरों की सफलता में प्रसन्न हो सकता है : प्रो. संजय द्विवेदी

Sachin Samar
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ब्रह्म कुमारी राजयोगा केंद्र, नई दिल्ली ने पत्रकारों में सकारात्मक परिवर्तन के लिए आयोजित की कार्यशाला

नई दिल्ली, 29 अप्रैल। ब्रह्म कुमारी राजयोगा केंद्र स्वस्थ्य विहार नई दिल्ली की शाखा द्वारा आयोजित 'मीडिया संचार में ध्यान और सकारात्मक परिवर्तन' विषय पर संगोष्ठी में देश के बड़े संचारकों ने भाग लिया। संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में आए भारतीय जन संचार संस्थान नई दिल्ली के महानिदेशक प्रो संजय द्विवेदी ने कहा "दूसरों के सुख और दुःख के भागीदारी बनें, किसी की सफलता के लिए खुश होना बड़ी बात है, ऐसा सिर्फ सकारात्मक व्यक्ति ही कर सकता है।" मोटीवेशनल स्पीकर बीके पूनम ने कहा "प्रकृति रचना करने वालों को पसंद करती है, ना कि उपभोग करने वाले को, इस संसार का सबसे शक्तिशाली प्राणी वह है जो संतुष्ट है।" इस अवसर पर दिल्ली के विभिन्न संस्थानों के पत्रकार और ब्रह्म कुमारी संस्था से जुड़े लोग मौजूद रहे। 


प्रो. द्विवेदी ने कहा "आनंद की खोज के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं है, स्वयं से साक्षात्कार ही परमानंद है। उन्होंने आगे कहा हमें आदमी से मनुष्य बनना होगा, मनुष्य होना ईश्वर का विस्तार है। हम जैसी दृष्टि रखेंगे हमें सृष्टि वैसी ही नजर आयेगी।" अपना वक्तव्य देते हुए यूएनआई के संपादक अजय कौल ने कहा "सकारात्मक पत्रकारिता के लिए मीडिया में जगह कम है क्योंकि इसके दर्शक नहीं है। दर्शकों की मांग के अनुसार खबरें प्रसारित होती हैं। लेकिन इस बात से नकारा नहीं जा सकता है कि पत्रकारों को सकारात्मक पत्रकारिता करना चुनौती का काम हो गया है।" इस मौके पर पत्रकार संगठन के अध्यक्ष रास बिहारी ने भरोसा जताया कि पत्रकारों में इस कार्यशाला से सकारात्मकता का संचार होगा।  राष्ट्रीय सहारा के रत्नेश मिश्र, यूएनएन के संपादक एच एम गजालि, दैनिक उर्दू इंकलाब के मो. यमिन अंसारी, मोटीवेशनल स्पीकर बीके पूनम आदि ने पत्रकारों को संबोधित किया। 



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