महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे गुट को एक और झटका लग सकता है. विधायकों के बाद अब सांसद भी शिंदे की तरफ जाते दिख रहे हैं. आज महाराष्ट्र में शिंदे गुट की शिवसेना ने बैठक की थी. इस बैठक में शिवसेना के 14 सांसद भी ऑनलाइन शामिल हुए. राष्ट्रपति चुनाव के बाद अब 14 सांसदों ने शिंदे ग्रुप को समर्थन देने की बात कही है.
अब शिंदे और फडणवीस आज रात 12 शिवसेना सांसदों को लेकर दिल्ली जाएंगे. वे यहां अमित शाह और पीएम मोदी से मिलेंगे. कल इस मीटिंग के बाद वे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.
इससे पहले आज महाराष्ट्र में शिंदे गुट की शिवसेना ने बड़ी बैठक की और इसमें कई फैसले लिये. इसमें मौजूदा कार्यकारिणी को भंग करके नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की गई है. इसके साथ-साथ सीएम शिंदे को शिवसेना पार्टी का नया नेता भी इस बैठक में चुना गया है.
उद्धव ठाकरे के पद को नहीं किया गया भंग
शिवसेना के शिंदे गुट की यह बैठक आज सोमवार को हुई. इसमें मौजूदा कार्यकारिणी भंग की गई, नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा हुई और एकनाथ शिंदे को शिवसेना का नया नेता चुना गया. हालांकि, शिवसेना पार्टी प्रमुख की जो पोस्ट उद्धव ठाकरे के पास है उसको ना तो भंग किया गया है और ना ही उसको लेकर कोई नई घोषणा हुई है.
शिंदे गुट ने विधायक दीपक केसरकर को शिवसेना का प्रवक्ता बनाया है. रामदास कदम, आनंदराव अडसुली को नेता चुना गया है. वहीं यशवंत जाधव, गुलाबराव पाटिल, उदय सामंत, शरद पोंकशे, तानाजी सावंत, विजय नाहटा, शिवाजीराव अधराव पाटिल को डिप्टी लीडर नियुक्त किया गया है.
बता दें कि कई दिनों तक चली उठापटक के बाद शिवसेना आखिरकार दो धड़ों में बंट गई थी. 30 से ज्यादा विधायकों ने एकनाथ शिंदे का सपोर्ट करके उद्धव ठाकरे का विरोध किया था. फिर इन बागी विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ मिलकर सरकार बनाने का फैसला किया. इस बीच फ्लोर टेस्ट से पहले उद्धव ठाकरे ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था.
बाद में शिंदे गुट ने बीजेपी संग सरकार बनाई थी. इसमें एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र का सीएम और देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम चुना गया. फिलहाल मंत्रालय का बंटवारा नहीं हुआ है.
उद्धव गुट बोला- शिंदे गुट को अधिकार नहीं
नई कार्यकारिणी के गठन करने के बयान पर लोकसभा सांसद विनायक राउत का बयान आया है. वह बोले कि शिंदे गुट को राष्ट्रीय कार्यकारिणी बर्खास्त करके नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी बनाने का कोई अधिकार है ही नहीं. विनायक राउत ने कहा कि उद्धव ठाकरे पहले ही मध्यावधि चुनाव की चुनौती दे चुके हैं.