BHU : भगत सिंह छात्र मोर्चा ने निकाला किसानों के समर्थन में मार्च, कानून वापस लेने की उठाई मांग

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वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, विश्वनाथ मंदिर से बीएचयू सिंह द्वार तक गणतंत्र दिवस के अवसर पर भगत सिंह छात्र मोर्चा ने दिल्ली में आंदोलनरत किसानों के समर्थन में एक मार्च निकाला। मार्च में मौजूद छात्रों हाथों तख्तियां लिए थे। बीएचयू सिंह द्वार पहुँचने पर यह मार्च सभा में तब्दील हो गया। सभा में बोलते हुए वक्ताओं ने किसान बिल को देश विरोधी और किसान विरोधी बताया और उसे वापस लेने की मांग की। इस दौरान बीएचयू के सुरक्षाकर्मी प्राक्टोरियल बोर्ड के अधिकारियों के नेतृत्व में मार्च के साथ साथ मौजूद रहे, साथ ही लंका थाने की पुलिस और पीएसी के जवान मुस्तैद रहे। 

सिंह द्वार पर आयोजित सभा को सम्बोधित करते हुए छात्र नितीश कुमार ने बताया की दिल्ली बॉर्डर पर लाखों किसान हाड़ कपा देने वाली ठंड में 60 दिनों से बैठें है और उनमें से 145 से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है। पूरे देश को मालूम है कि पिछले 2 महीने से पूरे देश के किसान दिल्ली में बैठे हुए हैं। देश की तानाशाही सरकार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक भी बात सुनने को तैयार नहीं है। 

छात्र नितीश ने आरोप लगाते हुए कहा कि संसद के द्वारा गैरकानूनी तरीके से 3 बिलो को किसानों के ऊपर ठोक दिया गया है। उन तीन बिलों के द्वारा सरकार देश भर के किसानों को अंबानी-अडानी और जो मल्टीनेशनल कंपनियां हैं उन को सौंप देना चाहती है। दूसरी बात कांट्रेक्ट खेती की बात इस बिल में हैं। 

 किसान कांट्रेक्ट खेती में आने वाले व्यवधान और समाधान के लिए आईएएस और पीसीएस अधिकारियों के पास जाएगा क्या वो  विरुद्ध एक्शन ले पाएंगे। इन तीनों कृषि कानून के खिलाफ किसान लामबंद है हम सभी छात्र एवं भगत सिंह छात्र मोर्चा के साथी  इन तीनों कृषि कानून का विरोध करते हैं अगर तीनों कृषि कानून नहीं हटा और एमएसपी पर कानून नहीं बना तो यह आंदोलन देश भर में और भी ज्यादा चलेगा। 

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