समाजवादी पार्टी ने पिछड़ी जाति के यादव, जाट, लोधी, पटेल, मौर्य, शाक्य और गुर्जर के साथअति पिछड़ी जाति के निषाद, धनगर समाज से जुड़े 63 लोगों को भी मैदान में उतारा है। सपा इस रणनीति के जरिए बड़ी आबादी पर अपनी पकड़ मजबूत बनाना चाह रही है।
समाजवादी पार्टी ने पिछड़ी जाति के यादव, जाट, लोधी, पटेल, मौर्य, शाक्य और गुर्जर के साथअति पिछड़ी जाति के निषाद, धनगर समाज से जुड़े 63 लोगों को भी मैदान में उतारा है। सपा इस रणनीति के जरिए बड़ी आबादी पर अपनी पकड़ मजबूत बनाना चाह रही है।
समाजवादी पार्टी ने 44 जिलों की 159 विधानसभा क्षेत्रों में टिकट वितरण के साथ जहां नए सियासी समीकरण साधे, वहीं वर्गीय गोलबंदी भी की है। पार्टी ने दूसरे दलों से आने वालों पर दांव लगाने के साथ ही वरिष्ठ नेताओं के परिजनों, डॉक्टरों, व्यापारी और महिलाओं को भी मैदान में उतारा है।
पार्टी ने पिछड़ी जाति के यादव, जाट, लोधी, पटेल, मौर्य, शाक्य और गुर्जर के साथअति पिछड़ी जाति के निषाद, धनगर समाज से जुड़े 63 लोगों को भी मैदान में उतारा है। सपा इस रणनीति के जरिए बड़ी आबादी पर अपनी पकड़ मजबूत बनाना चाह रही है। पार्टी ने 28 वर्तमान विधायकों में से 21 को टिकट दिया जबकि आठ के क्षेत्र बदल दिए हैं।