Viral Fever : बुखार को हल्के में न लें ।

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डेंगू और मलेरिया के बाद मच्छरों से ही होने वाली एक और बीमारी चिकनगुनिया ( chikungunya) है। अक्सर लोग इसे वायरल फीवर समझकर नजरअंदाज कर देते हैं और बाद में बड़ी परेशानी बन जाता है। यह बीमारी भी उसी मच्छर के काटने से होती है, जो जीका और डेंगू के लिए ज़िम्मेदार है। डब्ल्यूएचओ और सेंटर फॉर डिज़िज़ कंट्रोल एंड प्रीवेंशन, यूएसए के अनुसार "व्यक्ति के अंदर, मच्छर के काटने के करीब तीन से सात दिन बाद इसके लक्षण दिखाई देते हैं। 
चित्र : गूगल

चिकनगुनिया में अचानक से आ जाने वाले बुखार के साथ जोड़ों में दर्द महसूस होता है।" इस बीमारी के लक्षण, उपचार व कारण के बारे में लखनऊ के डॉ एमए खान बता रहे हैं- लक्षण लगातार बुखार से सिरदर्द और बदन दर्द होता हो। शरीर के हर अंग और हर जोड़ में दर्द। चि‍कनगुनिया का मरीज बुखार से ठीक होने के बाद भी जोड़ो में होने वाले दर्द की वजह से 15 से 20 दिनों तक ठीक से चल फिर नहीं पाता। कभी-कभी ये दर्द साल भर तक रहता है और बार-बार उभरता भी है। चिकनगुनिया से रिकवरी इम्यून सिस्टम पर निर्भर करती है। चिकनगुनिया का दर्द 2-3 हफ्ते से लेकर करीब साल तक चल सकता है। अगर ठीक तरीके से देखभाल की जाए, तो मरीज को 2-3 हफ्ते में ठीक हो जाते हैं। कुछ लोगों के शरीर पर चकत्ते भी पड़ जाते हैं। ये चेहरे, हथेली और जांघों पर दिखते हैं। मरीज को ज्यादा आराम दें वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार,चिकनगुनिया के मरीज को घर पर आराम करने से देखभाल शुरू करनी चाहिए। इससे शरीर को आराम मिलता है। वह ऐसे वातावरण में आराम करें, जहां ज्यादा नमी या गरमी न हो। नमी और गरमी से जोड़ों का दर्द और बढ़ सकता है। ये भी पढ‍़ें: मलेरिया से बचकर रहना है तो अपने आस-पास रखें सफाई ज्यादा पेनकिलर नुकसानदायक चिकनगुनिया के मरीजों को दर्द बहुत होता है, इसलिए अक्सर मरीज पेनकिलर खा लेते हैं। ऐसे बुखार में पेनकिलर खाने से बचना चाहिए। पेनकिलर का सीधा असर शरीर के दूसरे अंगों पर होता है और किडनी तक खराब होने का डर रहता है। चिकनगुनिया के बुखार और दर्द को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। चिकनगुनिया का कोई इलाज या टीकाकरण नहीं है। मच्छरों से बचें चिकनगुनिया का मच्छर पूरा दिन सक्रिय रहता है, ख़ासतौर से सुबह और दोपहर में। इसलिए इन जगहों पर जाने से बचें, जहां मच्छर ज़्यादा हो। अपनी शरीर पर मच्छर को दूर भगाने वाले उत्पाद या रात को सोते समय नेट का इस्तेमाल करें। दर्द को कैसे करें दूर सिंकाई करें---अगर दर्द हल्का है और अकड़न ज्यादा है तो गर्म थैली से सिकाई करनी चाहिए। ठंडा आइस पैक लगाने से दर्द व सूजन कम होती है। एक कपड़े या तौलिये में बर्फ को लपेट कर सूजन वाले जगह पर रखने से काफी राहत मिलती है। ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं--- मरीज को दिनभर में कम से कम 4 लीटर पानी पीना चाहिए। खाने में भी पेय पदार्थ ज्यादा लें। उन चीजों को ज्यादा से ज्यादा लें जिनसे विटामिन सी मिले । ये पाचनतंत्र को मजबूत करेगा। व्यायाम करें-- कुर्सी पर बैठकर टांगें सीधी करना या उठकर सीधे खड़े होकर पैर ऊपर की और उठाने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं और जोड़ों का दर्द कम होता है। सुबह व्यायाम करने से सबसे ज्यादा लाभ मिलता है। बिना डॉक्टरी सलाह के दवा न लें-- अगर आप किसी दूसरी बीमारी के लिए भी दवा ले रहे हैं तो अपने डॉक्टर को उसके बारे में जरूर बताएं। एक साथ दो तरह की दवाइयां लेना खतरनाक भी हो सकता है।

स्रोत : गांव कनेक्शन
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