सड़क हादसे में डेढ़ लाख लोगों से अधिक की मौत । #मतवाला

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देश में लगातार हो रहे सड़क हादसे अच्छे संकेत नहीं हैं, पिछली साल सड़क हादसों में डेढ़ लाख से अधिक लोगों की जान गई आइये इंडिया टुडे की इस रिपोर्ट को हम मतवाला डॉट कॉम पर पढ़ते हैं और एक सजक नागरिक बनने का संकल्प भी लेते हैं ।
सड़क हादसों में ध्यान में रखते हुए मोटर व्हीकल एक्ट का जो नया मसौदा सामने आया है उसके तहत बच्चों के लिए भी हेलमेट और कार चालक के साथ अन्य के लिए भी सीट बेल्ट बांधना अनिवार्य है। इससे गंभीर चोट की आशंका ही नहीं, बल्कि देश में सड़क हादसों में होने वाली मौत के आंकड़े को भी कम किया जा सकेगा।

डब्ल्यूएचओ के अनुसार देश के अलग-अलग हिस्सों में रोजाना औसतन 652 से ज्यादा लोग सड़क हादसों में जान गंवाते हैं। यह आंकड़े टीबी जैसी गंभीर बीमारी से जान गंवाने वाले लोगों से साढ़े पांच गुना से भी ज्यादा हैं। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक पिछले वित्तीय वर्ष में इस गंभीर बीमारी से 42000 से ज्यादा लोग मारे गए थे।

वहीं देश के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार देश में हर रोज करीब 1400 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें 400 लोग मारे जाते हैं। राज्यों में उत्तर प्रदेश की स्थिति सबसे खतरनाक है। पुलिस के रिकॉर्ड के मुताबिक यहां पिछले साल 17666 लोगों ने मोटर वाहन दुर्घटनाओं में जान गंवाई।

हादसों में मरने वालों में सबसे ज्यादा दोपहिया वाहन सवार थे। तो दूसरे नंबर पर ऑटो रिक्शा सवार लोग हैं। यूपी के बाद दूसरे नंबर पर तमिलनाडु है। यहां 15642 लोगों ने इस तरह जान गंवाई। इसके बाद महाराष्ट्र (13212), कर्नाटक (10856) और राजस्थान (10510) में सबसे ज्यादा लोग हादसे का शिकार हुए।

सड़क दुर्घटनाओं में मरने वाले लोगों के मामले में रूस दुनियाभर में पहले नंबर पर है। यहां सालाना हर एक लाख लोगों में से 19 की जान सड़क हादसों की वजह से जा रही है। वहीं भारत दूसरे, अमेरिका तीसरे, फ्रांस चौथे और डेनमार्क पांचवे नंबर पर है।

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